China Corona Vaccine Scientist
चीन: China National Biotech Group (CNBG) के अध्यक्ष यांग श्याओमिंग पर भ्रष्टाचार और कानून के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। उनकी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) की सदस्यता खत्म हो गई है।
2020 में कोरोना महामारी के दौरान COVID-19 वैक्सीन बनाने वाले चीनी वैज्ञानिक को भ्रष्टाचार के आरोपों में संसद से बाहर कर दिया गया है। चीन के नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप की सहायक कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) के अध्यक्ष यांग श्याओमिंग पर भ्रष्टाचार और कानून के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। इसलिए उन्हें नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शामिल नहीं किया गया है। एनपीसी ने कहा कि पार्टी की अनुशासनात्मक समिति पहले से ही यांग के खिलाफ जांच कर रही है।
चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले कुछ वर्षों से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया है, जिसमें यांग की बर्खास्तगी देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में की गई सबसे बड़ी कार्रवाई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है। चीन में पिछले कुछ वर्षों में कई अस्पतालों के प्रमुखों को गिरफ्तार किया गया है। सिनोफार्म के एक और पूर्व वरिष्ठ अधिकारी, झोउ बिन, भी जांच के अधीन है।
यंग ने पहली कोरोना वैक्सीन बनाई
62 वर्षीय यांग श्याओमिंग एक अनुभवी शोधकर्ता हैं, जिन्होंने चीन की पहली कोरोनावायरस वैक्सीन, बीबीआईबीपी-कोर्व, बनाने का नेतृत्व किया था। इस वैक्सीन को बाद में आम लोगों द्वारा उपयोग किया गया था। COVID-19 का पहला मामला मार्च 2020 में चीन के वुहान शहर से हुआ था, जो बाद में पूरी दुनिया में फैल गया। इसके बाद इस बीमारी ने विश्व भर में कई लोगों को मार डाला। दिसंबर 2020 में, यांग की टीम ने कोविड-19 वैक्सीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए मंजूरी दी।
यांग को इससे पहले कोरोनावायरस महामारी से लड़ने में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बाद में उन्हें हो लेउंग हो ली फाउंडेशन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, जो चीन के वैज्ञानिकों को चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्रों में पुरस्कार देता है।
यांग के अलावा कई अन्य लोगों की जांच जारी है
यांग के अलावा, चीन सरकार कई अन्य लोगों के खिलाफ भी जांच कर रही है। इनमें सिनोफॉर्म के पूर्व वरिष्ठ एग्जीक्यूटिव जोउ बिन का नाम भी है। जनवरी में सीसीडीआई ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। गौरतलब है कि चीन में 863 राष्ट्रीय कार्यक्रमों और प्रशासनिक मंचों को सरकारी धन मिलता है। जिससे नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जा सके। दिसंबर 2020 में, यांग और उनकी टीम ने कोरोना की वैक्सीन बनाई, जिसे सार्वजनिक उपयोग के लिए मंजूरी दी गई। सितंबर 2020 में, यांग को महामारी से लड़ने में उनकी भूमिका के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। चाइनीज सोसाइटी ऑफ इम्यूनोलॉजी ने इसके बाद टॉप स्कॉलर के रूप में मान्यता दी गई थी.
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