Rashid Khan Death:
महान शास्त्रीय गायक राशिद खान का निधन; कोलकाता के एक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस लिया प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद राशिद खान का मंगलवार तड़के कोलकाता के ईस्टर्न बाईपास के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि संक्रमण उनके पूरे शरीर में तेजी से फैल गया था। 21 नवंबर को उनका स्ट्रोक हुआ था। तब से वह अस्पताल में भर्ती थे। उस्ताद राशिद खान को प्रोस्टेट कैंसर भी था।
विशेषताएं
- प्रोस्टेट कैंसर से भी पीड़ित थे, ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती हुए
- उस्ताद राशिद खान को प्रोस्टेट कैंसर भी था।
- अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया जाएगा
कोलकाता राज्य ब्यूरो लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को यहां मशहूर भारतीय शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का निधन हो गया। उसकी उम्र पच्चीस वर्ष थी। संगीत के सरताज खान को ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल भेजा गया। प्रोस्टेट कैंसर भी उसके पास था। उनका इलाज लंबे समय से चल रहा था। उन्होंने कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में अपराह्न 3.45 बजे अंतिम सांस ली।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि हमने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन असफल रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उस्ताद राशिद खान के निधन पर ट्वीट करके शोक व्यक्त किया है।
संगीत जगत में शोक की लहर
21 दिसंबर को उस्ताद खान को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। 22 दिसंबर से अस्पताल में भर्ती हैं। बीच-बीच में उनकी हालत सुधर गई, लेकिन फिर बिगड़ गई। उनके शरीर में तेजी से संक्रमण फैल गया। उन्हें कई दिनों से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। उन्हें सुबह भी कार्डियक अरेस्ट हुआ था। संगीत जगत उनके निधन से दुखी हो गया।
हस्तियों ने उस्ताद के निधन पर शोक व्यक्त किया
संगीत जगत की कई हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। यहां बुधवार को उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को कोलकाता के रवींद्र सदन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
हस्तियों ने उस्ताद के निधन पर शोक व्यक्त किया
संगीत जगत की कई हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। यहां बुधवार को उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को कोलकाता के रवींद्र सदन में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
खान अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ कोलकाता में रहते थे। राशिद खान का मूल घर उत्तर प्रदेश था। उन्होंने एक जुलाई 1968 को बदायूं में जन्म लिया था। वे रामपुर-सहसवान घराने से थे। वे इनायत हुसैन खान, इस घराने का संस्थापक, के पुत्र थे।
2022 में पद्म भूषण
2006 में, खान को भारत सरकार ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2022 में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें बंगाल सरकार ने बंग विभूषण भी दिया था।
14 वर्ष की उम्र में कोलकाता पहुंचे
राशिद खान को बचपन से ही संगीत में रुचि थी। वह सिर्फ 11 साल का था जब उनका संगीत करियर शुरू हुआ। ग्वालियर में रहने वाले उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान उनके भतीजे हैं। पहले उन्हें चाचा ने मुंबई ले गया था। वहां वे संगीत का अध्ययन करते थे। उन्होंने बाद में उस्ताद निसार हुसैन खान से संगीत की शिक्षा ली। वह मेहबूब खान और उनके बेटे इनायत हुसैन खान से निकले रामपुर-सहसवान घराने से थे। 14 साल की उम्र में वे कोलकाता में आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में शामिल हो गए। राशिद खान ने प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित भीमसेन जोशी से भारतीय संगीत का भविष्य पूछा।
हस्तियों ने शोक व्यक्त किया
शास्त्रीय गायक पंडित अजय चक्रवर्ती ने उनके निधन पर कहा कि भारतीय संगीत जगत आज एक गुणी कलाकार को खो दिया है। राशिद खान मेरे दिल में कितना महत्वपूर्ण था, उसे शब्दों से व्यक्त नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि यह देश और संगीत जगत दोनों के लिए बहुत बुरा है।
कई बॉलीवुड फिल्मों में भी आवाज दी
खान ने बालीवुड की कई फिल्मों में भी अभिनय किया था। करीना की फिल्म जब वी मेट का गाना ‘आओगे जब तुम ओ साजना’ उनके सबसे लोकप्रिय गानों में से एक है। उन्होंने फिल्मों ‘किसना: द वारियर पोएट’ में काहे उजाड़ी मोरी नींद, राज 3 में दीवाना कर रहा है, शादी में जरूर आना का तू बन जा गली बनारस की और ‘माय नेम इज खान’ में अल्लाह ही रहम जैसे गानों को भी गाया था, जो बहुत लोकप्रिय हुए। Read More